Rumored Buzz on Shodashi
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥
The reverence for Goddess Tripura Sundari is apparent in how her mythology intertwines Using the spiritual and social material, supplying profound insights into the character of existence and The trail to enlightenment.
सर्वानन्द-मयेन मध्य-विलसच्छ्री-विनदुनाऽलङ्कृतम् ।
This mantra can be an invocation to Tripura Sundari, the deity getting resolved in this mantra. It's a request for her to meet all auspicious wishes and bestow blessings on the practitioner.
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
यस्याः विश्वं समस्तं बहुतरविततं जायते कुण्डलिन्याः ।
ह्रींश्रीर्मैंमन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः
Gaining the eye of Shodashi, kinds feelings to Many others develop into far more constructive, fewer vital. Ones associations morph into a detail of great attractiveness; a matter of sweetness. Here is the this means with the sugarcane bow which she carries constantly.
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
The Sadhana of Tripura Sundari is really a harmonious blend of trying to get click here satisfaction and striving for liberation, reflecting the dual aspects of her divine nature.
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।